🇮🇳 45% H-1B वीज़ा पर काम कर रहे भारतीय अमेरिका छोड़ने को तैयार, 24% को भारत लौटने पर जीवन स्तर गिरने का डर
अमेरिका में H-1B और L-1 वीज़ा पर काम कर रहे लाखों भारतीय प्रोफेशनल्स के सामने एक बड़ी दुविधा खड़ी हो रही है। हाल ही में किए गए एक सर्वे में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं।
📊 सर्वे का निष्कर्ष
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अगर H-1B धारकों को किसी मजबूरी में अमेरिका छोड़ना पड़े, तो 45% भारतीय पेशेवर सीधे भारत लौटना पसंद करेंगे।
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26% लोग किसी दूसरे देश में शिफ्ट होना चाहेंगे।
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वहीं, 29% अब भी निर्णय नहीं ले पाए हैं।
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भारत लौटने वालों में से 24% लोगों को सबसे बड़ा डर यह है कि उनका जीवन स्तर (Quality of Life) गिर सकता है।
यह सर्वे Blind ऐप पर 28 जुलाई से 8 अगस्त 2025 के बीच किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में भारतीय टेक और IT प्रोफेशनल्स ने भाग लिया।
🇺🇸 क्यों बढ़ रही है H-1B धारकों की चिंता?
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अमेरिका में मंदी का असर – टेक सेक्टर में लगातार छंटनी हो रही है।
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कड़े वीज़ा नियम – जॉब छूटने के बाद H-1B धारकों को सिर्फ 60 दिनों की grace period मिलती है, नहीं तो डिपोर्टेशन का खतरा।
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बढ़ती असुरक्षा – NTA (Notice to Appear) जैसे डिपोर्टेशन नोटिस भी बढ़ते जा रहे हैं।
🇮🇳 भारत लौटने पर चुनौतियाँ
हालाँकि कई लोग मजबूरी में भारत लौटने को तैयार हैं, लेकिन उनके सामने बड़ी चुनौतियाँ भी हैं –
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Salary Gap: अमेरिका के मुकाबले भारत में समान प्रोफाइल पर वेतन काफी कम है।
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Quality of Life: सर्वे के अनुसार 24% लोगों को डर है कि भारत लौटकर उनकी लाइफस्टाइल और सुविधाएँ घट जाएँगी।
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Work Culture Gap: अमेरिका में हाई-टेक एक्सपोज़र और ग्लोबल वर्क कल्चर की तुलना में भारतीय माहौल अलग है।
🌍 क्या है आगे का रास्ता?
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दूसरे देशों में रिलोकेशन – कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, और यूरोपियन देशों में skilled migration policies आसान हैं।
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Remote Work का विकल्प – कई कंपनियाँ अब Indian professionals को US से बाहर रहते हुए भी remote role ऑफर कर रही हैं।
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भारत में Opportunities – Startup ecosystem और IT services industry अभी भी तेजी से बढ़ रही है, इसलिए skilled talent को मौके मिल सकते हैं।
🔑 निष्कर्ष
यह आंकड़े साफ़ दिखाते हैं कि H-1B धारक भारतीय एक असमंजस की स्थिति में हैं।
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अगर अमेरिका में माहौल और सख्त होता गया तो 45% लोग सीधे भारत लौटने को तैयार हैं।
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लेकिन भारत में आने पर उनकी सबसे बड़ी चिंता कम वेतन और घटता जीवन स्तर है।
भविष्य इस पर निर्भर करेगा कि अमेरिका की इमिग्रेशन पॉलिसी और भारत की जॉब मार्केट किस दिशा में आगे बढ़ती है।